Stand Up India Scheme: योजना के तहत महिलाओं को मिला इतना करोड़ का लोन,आप भी रह जाएंगे हैरान
जल्द ही महिला दिवस आने वाला है जिसे 8 मार्च को मनाया जाता है और इससे पहले ही मोदी सरकार ने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि महिलाओं को ‘स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत करीब चार साल में 16,712 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया है। स्टैंड अप इंडिया योजना के लाभार्थियों में 81 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। पिछले छह साल के दौरान मंत्रालय ने विभिन्न योजनाएं पेश की हैं जिनमें महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए विशेष प्रावधान हैं।
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले बयान में मंत्रालय ने कहा कि इन योजनाओं से महिलाएं वित्तीय रूप से सशक्त हुई हैं और वे बेहतर जीवन जीने के साथ उद्यमिता के अपने सपने को साकार कर पा रही हैं। स्टैंड अप इंडिया योजना की शुरुआत पांच अप्रैल, 2016 को हुई थी। इसके एक नया उपक्रम स्थापित करने के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की प्रत्येक शाखा को एक अनुसूचित जाति या जनजाति के व्यक्ति और कम से कम एक महिला को 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये का ऋण देना अनिवार्य है।
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Stand Up India Scheme
मंत्रालय ने कहा, ”17 फरवरी, 2020 तक स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत 81 प्रतिशत खाताधारक महिलाएं थीं। महिलाओं के लिए कुल 73,155 खाते खोले गए हैं। महिला खाताधारकों के लिए 16,712.72 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है। उन्हें 9,106.13 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है।
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Stand Up India Scheme
उद्देश्य
उत्तिष्ठ भारत (स्टैंड-अप इंडिया) योजना का उद्देश्य प्रत्येक बैंक शाखा द्वारा कम से कम एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उधारकर्ता और एक महिला उधारकर्ता को नई (ग्रीनफ़ील्ड) परियोजना की स्थापना के लिए रु. 10 लाख से रु. 1 करोड़ के बीच बैंक ऋण प्रदान करना है। ये उद्यम विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र से संबंधित हो सकते हैं। गैर-व्यक्ति उद्यम के मामले में, 51% शेयरधारिता व नियंत्रक हिस्सेदारी अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए।